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रविवार, 6 सितंबर 2020
एक से सवा लाख जगाओ । HINDI SHORT FILM | RISHI PRASAD
एक से सवा लाख जगाओ । HINDI SHORT FILM | RISHI PRASAD https://youtu.be/rL0ETK2zfao via
@YouTube
A short film. Everyone must watch till the end. Hari Om.
For getting a copy of Rishi Prasad download the Rishi Prasad App from Google Playstore or visit http://rishiprasad.org
रविवार, 28 अगस्त 2016
अजा एकादशी Aja Ekadashi
🙏🏻जय गुरूजी 🙏🏻Today 28.08.2016 is Aja Ekadashi. Aja Ekadashi Vrat Katha and Mahatmya👆🏻. Those who listen to this story get blessings equivalent to 1 Aswamedh Ygna. Please don't eat rice on this day. आज 28.08.2016 को अजा एकादशी है। अजा एकादशी व्रत कथा व महात्म्य 👆🏻। यह सुनने मात्र से एक अश्वमेध यज्ञ का फल होता है। एकादशी के दिन चावल न खाएं।
🙏🏻जय गुरूजी 🙏🏻
https://youtu.be/IQggl-UYVoI
गुरुवार, 14 जुलाई 2016
Devshayani Ekadashi
15 June 2016 is Devshayani Ekadashi
Ekadashi Tithi Begins = 00:14am on 15/Jul/2016
Ekadashi Tithi Ends = 02:08am on 16/Jul/2016
On 16th, Parana Time = 08:29 to 08:50
On Parana Day Hari Vasara End Moment = 08:29
The fasting time is Sunrise on15/Jul/2016 to 8.29am on 16/Jul/2016
The Ashadha Shukla Paksha Ekadashi, according to Hindu calender, is known as Devshayani Ekadashi or Padma Ekadashi or Ashadi Ekadashi or Hari Shayani Ekadashi. Lord Vishnu goes to sleep on this day and wakes up after four months on Prabodhini Ekadashi, also known as Devuthani ekadashi or Devutthan ekadashi.
Devshayani Ekadashi comes just after famous Jagannath Rathyatra and normally falls in June end or early July as per English calendar. A holy period of four months - Chaturmas - in Hindu calendar, starts from this day.
Parana means breaking the fast. Ekadashi Parana is done after sunrise on next day of Ekadashi fast. It is necessary to do Parana within Dwadashi Tithi unless Dwadashi is over before sunrise. Not doing Parana within Dwadashi is similar to an offence.
Parana should not be done during Hari Vasara. One should wait for Hari Vasara to get over before breaking the fast. Hari Vasara is first one fourth duration of Dwadashi Tithi. The most preferred time to break the fast is Pratahkal. One should avoid breaking the fast during Madhyahna. If due to some reasons one is not able to break the fast during Pratahkal (sun rise) then one should do it after Madhyahna.
At times Ekadashi fasting is suggested on two consecutive days. It is advised that Smartha or those with family should observe fasting on first day only. The alternate Ekadashi fasting, which is the second one, is suggested for Sanyasis, widows and for those who want Moksha. When alternate Ekadashi fasting is suggested for Smartha it coincides with Vaishnava Ekadashi fasting day.
Ekadashi fasting on both days is suggested for staunch devotees who seek for love and affection of Lord Vishnu.
बुधवार, 12 सितंबर 2012
परमा एकादशी
अर्जुन बोले : हे जनार्दन ! आप अधिक (लौंद/मल/पुरुषोत्तम) मास के कृष्णपक्ष की एकादशी का नाम तथा उसके व्रत की विधि बतलाइये । इसमें किस देवता की पूजा की जाती है तथा इसके व्रत से क्या फल मिलता है?
श्रीकृष्ण बोले : हे पार्थ ! इस एकादशी का नाम ‘परमा’ है । इसके व्रत से समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं तथा मनुष्य को इस लोक में सुख तथा परलोक में मुक्ति मिलती है । भगवान विष्णु की धूप, दीप, नैवेध, पुष्प आदि से पूजा करनी चाहिए । महर्षियों के साथ इस एकादशी की जो मनोहर कथा काम्पिल्य नगरी में हुई थी, कहता हूँ । ध्यानपूर्वक सुनो :
काम्पिल्य नगरी में सुमेधा नाम का अत्यंत धर्मात्मा ब्राह्मण रहता था । उसकी स्त्री अत्यन्त पवित्र तथा पतिव्रता थी । पूर्व के किसी पाप के कारण यह दम्पति अत्यन्त दरिद्र था । उस ब्राह्मण की पत्नी अपने पति की सेवा करती रहती थी तथा अतिथि को अन्न देकर स्वयं भूखी रह जाती थी ।
एक दिन सुमेधा अपनी पत्नी से बोला: ‘हे प्रिये ! गृहस्थी धन के बिना नहीं चलती इसलिए मैं परदेश जाकर कुछ उद्योग करुँगा ।’
उसकी पत्नी बोली: ‘हे प्राणनाथ ! पति अच्छा और बुरा जो कुछ भी कहे, पत्नी को वही करना चाहिए । मनुष्य को पूर्वजन्म के कर्मों का फल मिलता है । विधाता ने भाग्य में जो कुछ लिखा है, वह टाले से भी नहीं टलता । हे प्राणनाथ ! आपको कहीं जाने की आवश्यकता नहीं, जो भाग्य में होगा, वह यहीं मिल जायेगा ।’
पत्नी की सलाह मानकर ब्राह्मण परदेश नहीं गया । एक समय कौण्डिन्य मुनि उस जगह आये । उन्हें देखकर सुमेधा और उसकी पत्नी ने उन्हें प्रणाम किया और बोले: ‘आज हम धन्य हुए । आपके दर्शन से हमारा जीवन सफल हुआ ।’ मुनि को उन्होंने आसन तथा भोजन दिया ।
भोजन के पश्चात् पतिव्रता बोली: ‘हे मुनिवर ! मेरे भाग्य से आप आ गये हैं । मुझे पूर्ण विश्वास है कि अब मेरी दरिद्रता शीघ्र ही नष्ट होनेवाली है । आप हमारी दरिद्रता नष्ट करने के लिए उपाय बतायें ।’
इस पर कौण्डिन्य मुनि बोले : ‘अधिक मास’ (मल मास) की कृष्णपक्ष की ‘परमा एकादशी’ के व्रत से समस्त पाप, दु:ख और दरिद्रता आदि नष्ट हो जाते हैं । जो मनुष्य इस व्रत को करता है, वह धनवान हो जाता है । इस व्रत में कीर्तन भजन आदि सहित रात्रि जागरण करना चाहिए । महादेवजी ने कुबेर को इसी व्रत के करने से धनाध्यक्ष बना दिया है ।’
फिर मुनि कौण्डिन्य ने उन्हें ‘परमा एकादशी’ के व्रत की विधि कह सुनायी । मुनि बोले: ‘हे ब्राह्मणी ! इस दिन प्रात: काल नित्यकर्म से निवृत्त होकर विधिपूर्वक पंचरात्रि व्रत आरम्भ करना चाहिए । जो मनुष्य पाँच दिन तक निर्जल व्रत करते हैं, वे अपने माता, पिता और स्त्रीसहित स्वर्गलोक को जाते हैं । हे ब्राह्मणी ! तुम अपने पति के साथ इसी व्रत को करो । इससे तुम्हें अवश्य ही सिद्धि और अन्त में स्वर्ग की प्राप्ति होगी |’
कौण्डिन्य मुनि के कहे अनुसार उन्होंने ‘परमा एकादशी’ का पाँच दिन तक व्रत किया । व्रत समाप्त होने पर ब्राह्मण की पत्नी ने एक राजकुमार को अपने यहाँ आते हुए देखा । राजकुमार ने ब्रह्माजी की प्रेरणा से उन्हें आजीविका के लिए एक गाँव और एक उत्तम घर जो कि सब वस्तुओं से परिपूर्ण था, रहने के लिए दिया । दोनों इस व्रत के प्रभाव से इस लोक में अनन्त सुख भोगकर अन्त में स्वर्गलोक को गये ।
हे पार्थ ! जो मनुष्य ‘परमा एकादशी’ का व्रत करता है, उसे समस्त तीर्थों व यज्ञों आदि का फल मिलता है । जिस प्रकार संसार में चार पैरवालों में गौ, देवताओं में इन्द्रराज श्रेष्ठ हैं, उसी प्रकार मासों में अधिक मास उत्तम है । इस मास में पंचरात्रि अत्यन्त पुण्य देनेवाली है । इस महीने में ‘पद्मिनी एकादशी’ भी श्रेष्ठ है। उसके व्रत से समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं और पुण्यमय लोकों की प्राप्ति होती है ।
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Rules for keeping Ekadashi:
Ekadashi is the 11th day of Lunar calender month in the Hindu calender system. This is a day for fasting or Upvaas. Pujya Bapuji says that "Upvaas" means Up - Vaas i.e., to stay close to God. Upvaas involves fasting while observing certain rules. The purpose of fasting is to experience peace & bliss. Eating less enables the mind & body to function more effectively. Ekadashi days are very important & beneficial days for all householders. The rules for keeping fast/upvaas on this day are:
1) One should not eat any cereals ("Ann" in hindi) like rice, pulses, wheat etc. & salt.
2) If possible, one should stay on water. Drinking Luke warm water or lemon-mishri (crystallized sugar) water is very good as it cleanses the hidden undigested food in the body.
3) If one feels hungry, then one can take milk or fruit. Fruit should not be eaten with milk (therefore no strawberry shake, mango shake, chickoo shake etc.). One should not eat food like "sabudana", potato chips, fried food, etc. Also Banana is not recommended on this day since it is heavy to digest.
4) One should think that he/she is keeping this vrat to please God & to progress further in "sadhana".
5) One should observe self-control.
6) One should do more of Maun-japa (repeating the name of God in mind) in the day time.
7) One should do more of Dhyan & Bhajan by keeping awake for a longer time in the night
--- Source: Ekadashi Newletter from ashram.org
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सोमवार, 20 अगस्त 2012
वास्तविक उन्नति
सोमवार, 11 जून 2012
कर्म व विचार भी पैदा करते हैं दिव्य तरंगें
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हरि व्यापक सर्वत्र समानाः.....
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शुक्रवार, 27 अप्रैल 2012
भगवान ने जगत क्यों बनाया ?
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